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“हिंदी के आलोचक” शृंखला में कलकत्ता विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और हिन्दी विभागाध्यक्ष डा. अमरनाथ ने 50 से अधिक हिंदी-आलोचकों के अवदान को रेखांकित करते हुए उनकी आलोचना दृष्टि के विशिष्ट बिंदुओं को उद्घाटित किया है। इन आलोचकों पर यह अद्भुत सामग्री यहां प्रस्तुत है। इस शृंखला को आप यहां पढ़ सकते हैं।

हिन्दी के आलोचक – अनुक्रम

1.जॉन गिलक्रिस्ट : हिन्दुस्तान की जातीय भाषा के अन्वेषक 

2.गार्सां द तासी : हिन्दी साहित्य के पहले इतिहासकार 

3.सर जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन : हिन्दी के आयरिश अन्वेषक 

4. महावीरप्रसाद द्विवेदी : हिन्दी के प्रथम आचार्य

5. बाबू श्यामसुन्दर दास : हिन्दी साहित्य के पहले सुयोग्य प्रबंधक

6.रामचंद्र शुक्ल : हिन्दी आलोचना के पथिकृत आचार्य

7.पं. परशुराम चतुर्वेदी : अनुसंधानपरक आलोचना के आचार्य

8. चंद्रबली पाण्डेय अनुसंधानपरक आलोचना के आदर्श

9.आचार्य नंददुलारे वाजपेयी : गाँधीवादी आलोचना के प्रमुख स्तंभ 

10. आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी : ऐतिहासिक-सांस्कृतिक आलोचना के शिखर

11. फादर कामिल बुल्के : रामकथा के प्रथम अन्वेषक

12. रामविलास शर्मा : सभ्यता समीक्षक मार्क्सवादी ऋषि 

13.गजानन माधव मुक्तिबोध : आत्मान्वेषी विलक्षण मार्क्सवादी आलोचक 

14.नेमिचंद्र जैन : आधुनिक नाट्यालोचना के जनक

15. आचार्य रामचंद्र तिवारी : सारस्वतबोध के प्रतिमान

16.नामवर सिंह : हिन्दी आलोचना के डिक्टेटर 

17. विष्णुकान्त शास्त्री : भक्ति साहित्य के मर्मज्ञ आलोचक

18.रमेश कुंतल मेघ : आलोचिंतक

19. विश्वनाथ त्रिपाठी : रचनात्मक आलोचना के विरल हस्ताक्षर

20. शिवकुमार मिश्र : मार्क्सवादी आलोचक 

21.गोपीचंद नारंग : उर्दू आलोचना में आधुनिकताबोध के उन्नायक 

22.रामस्वरूप चतुर्वेदी : भाषिक संरचना के विरल व्याख्याता 

23.गोपाल राय : मूल्यवादी कथा समीक्षा के प्रतिमान

24.: निर्मला जैनःआलोचना में पुरुष वर्चस्व को पहली चुनौती

25.गिरीश रस्तोगी : नाट्य समीक्षक और प्रख्यात रंगकर्मी 

26.परमानंद श्रीवास्तव : नई आलोचना के प्रमुख स्तंभ

27शम्सुर्रहमान फारुकी : उर्दू की नई आलोचना के प्रमुख स्तंभ

28.कृष्ण बिहारी मिश्र : पत्रकारिता की अनुसंधानपरक समीक्षा के आचार्य

29.नंदकिशोर नवल : पाठ-केन्द्रित समकालीन आलोचना के आदर्श 

30.खगेन्द्र ठाकुर : सामाजिक सरोकार की खोज के आलोचक

31.कमल किशोर गोयनका : संघवादी आलोचना के शीर्षस्थ आलोचक 

32.सूर्यप्रसाद दीक्षित : व्याख्यात्मक आलोचना के आदर्श

33.रामदेव शुक्ल : व्याख्यात्मक आलोचना के अंतिम स्तंभ

34.विश्वनाथ प्रसाद तिवारी : गाँधीवादी आलोचक

35. विजयबहादुर सिंह : साहित्य की लोकतांत्रिकता के व्याख्याता

36.मैनेजर पाण्डेय : आलोचना में आधुनिकताबोध के प्रतिमान 

37. कृष्णदत्त पालीवाल : आलोचना का स्वाधीन विवेक

38.रविभूषण : आलोचना में वैकल्पिक भारत की तलाश

39. वीर भारत तलवार : अनुसंधानपरक आलोचना-दृष्टि का मार्क्सवादी चेहरा

40.ए अरविन्दाक्षन : नयी आलोचना का आलोचनात्मक विवेक

41.जवरीमल्ल पारख: मीडिया समीक्षा का मार्क्सवादी आदर्श

42.कर्मेन्दु शिशिर : नवजागरण के मार्क्सवादी व्याख्याकार

43. श्री भगवान सिंह : गाँधीवादी आलोचक

44. अजय तिवारीमार्क्सवादी आलोचक – डॉ. अमरनाथ

45. पुरुषोत्तम अग्रवाल : देशज आधुनिकता के व्याख्याता

46. विश्वनाथ प्रसाद मिश्र : रीतिकाल के मर्मज्ञ आचार्य

46. एहतेशाम हुसैन : उर्दू की मार्क्सवादी आलोचना के प्रमुख स्तंभ

47. रामनिरंजन परिमलेन्दु : अनुसंधानपरक आलोचना के क्षेत्र में

48. एल.पी.तेस्सीतोरी : थार का इतालवी साधक

49. शिवदान सिंह चौहान : आलोचना के मान के अन्वेषक

50. रघुवंश : आलोचना में समाजवाद के प्रहरी

51. प्रभाकर श्रोत्रिय : बहुमुखी प्रतिभा के आलोचक

52. नलिनविलोचन शर्मा : प्रपद्य और पाठानुसंधान के आचार्य

53. डॉ. नगेन्द्र : शुक्लोत्तर आलोचना के प्रमुख स्तंभ

54. धीरेन्द्र वर्मा : अध्यापन और अनुसंधान के पथ प्रदर्शक

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