ठाकुर का कुआँ – ओम प्रकाश वाल्मीकि

चूल्हा मिट्टी का
मिट्टी तलाब की
तालाब ठाकुर का।

भूख रोटी की
रोटी बाजरे की
बाजरा खेत का
खेत ठाकुर का।

बैल ठाकुर का
हल ठाकुर का
हल की मूठ पर हथेली अपनी
फसल ठाकुर की।

कुआँ ठाकुर का
पानी ठाकुर का
खेत-खलिहान ठाकुर के
फिर अपना क्या?
गाव?
शहर?
देश?


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