वे आर्थिक सुधार करेंगे
मरने को मजबूर कर देंगे
वे रोजगार की बात करेंगे
रोटी छीन लेंगे
वे शिक्षा की बात करेंगे
व्यापार के केन्द्र खोल देंगे
वे शान्ति की अपील करेंगे
जंग का ऐलान कर देंगे
वे लोकतंत्र की बात करेंगे
लोगों पर बम बरसा देंगे
इस तरह
वे हमारे आंसू पोछेंगे
और दृष्टि छीन लेंगे।
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- पाखण्डी – जयपाल
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