वे पूछते हैं –
आज भी उनके सिर पर गंदगी का टोकरा क्यों रखा है
उनकी बस्ती शहर या गांवों से बाहर ही क्यों होती है
उनके मंदिरों-गुरुद्वारों में दूसरे लोग क्यों नहीं आते
अनपढ़ता बेकारी और गरीबी उनकी बस्ती में क्यों रहती है
उनकी बहु बेटियों को लोग खाने पीने की चीजें क्यों समझते हैं
उनके महापुरुष दूसरों के लिए उपहास पुरुष क्यों होते हैं
स्कूल में अध्यापक उन्हीं की जाति को क्यों याद रखता है
अन्तर्जातीय विवाह से उनकी जाति अभी तक बाहर क्यों है
उन्हें किराएदार रखने में मालिक-मकान को क्या परेशानी है
अपनी जाति बताना उनकी सबसे बड़ी विकट समस्या क्यों है
उनकी जाति को गाली में क्यों बदल दिया गया है
अंत में वे एक सवाल और पूछते हैं –
उनके सवाल को आखिर सवाल क्यों नहीं माना जाता