कहां मानते हैं बच्चे – जयपाल

बच्चे तो बच्चे होते हैं
कहां मानते हैं बच्चे
सामने वाले घर में जायेंगे तो कूदते हुए
आएंगे तो फुदकते हुए
कभी उनके बच्चों के साथ कुछ खा आएंगे
कभी उनको कुछ खिला आएंगे
वैसे बच्चे उनके भी कम नहीं हैं
जबसे गर्मी की छुट्टियां हुई हैं
हमारे घर को ही नानी का घर समझ रखा है
अब इसमें हम भी क्या करें
वो भी क्या करें
कितना ही समझाओ
कितना ही सिखाओ
कहां मानते हैं बच्चे!
दीवाली पर
हमारे बच्चे उनके घर पटाखे बजा आए
होली पर
उनके बच्चे हमारे घर रंग डाल गए
ना हमारी चली
ना उनकी

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