दो दिन बाद पन्द्रह अगस्त है
शहर में झंडा फहराने मंत्री जी आ रहे हैं
मैदान के सामने एक झुग्गी बस्ती है
बस्ती के सामने एक विशाल शामियाना लगा दिया गया है
अब मंच से यह बस्ती दिखाई नहीं देती
मैदान के बांई तरफ एक गंदा नाला है
यहां भूखे-नंगे बच्चे फटेहाल घूमते रहते हैं
नाले को लकड़ी के फट्टों से ढक दिया गया है
बच्चों को कहा गया है कि वे शहर के दूसरी तरफ चले जांए
मैदान के दांई तरफ एक मजदूर-बस्ती है
पिछले दिनों इस बस्ती के एक घर में
एक मजदूर की भूख के कारण मर गया था
उस घर के आगे पुलिस बिठा दी गई है
साहित्यकर्मियों और जन संगठनों को कहा गया है
वे पन्द्रह अगस्त तक इधर से ना गुजरें
संतो-महन्तों, स्थानीय नेताओं और राजकवियों को
निमन्त्रण पत्र भेज दिए गए हैं
शहर के जाने माने प्रतिष्ठित व्यक्तियों को
स्वागत समिति में रखा गया है
आयोजकों का कहना है
पन्द्रह अगस्त की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।