कविताएं
पिसती है सिर्फ जनता
नेता
लोगों को बहलाता है
नए-नए ख्वाब दिखाता है
कुर्सी पर बैठते ही
हम सबको आंख दिखाता है
पत्रकार
झूठी-सुच्ची खबरें लाता है
जनता की कम
अपनी अधिक बताता है।
पुलिसिया
डंडा मारे पैसा निकाले
गरीब के पेट पर लात मारे
अमीरों के तलवे चाटे
स्रोतः सं. सुभाष चंद्र, देस हरियाणा (नवम्बर-दिसम्बर, 2015), पेज-57