विक्रम राही
ठाड्डा रहया पाल बांदता पुश्त आगली की खातिर
कमजोर कमी तेरी रहगी तनै समझे नहीं कदे चात्तर
वेद शास्त्र छाण लिए वैं के कहरे सै पुराण बता
रामायण महाभारत गीता मनुस्मृति जाण बता
के वर्ण व्यवस्था सही रही इतिहास पहचाण बता
के रामायण महाभारत कहरी फेर गीता का ज्ञान बता
ठीक गलत इब तेरे ऊपर देख लिए अपणा जात्थर
के बाइबिल कुराण कहैं खुद जाणण की कर हिम्मत
तेरे कर्मा तै भारी होगी लिखी होई पहलम किस्मत
जो कहरे धर्मगुरु ठीक सै छोड़ पहलड़ी तु फितरत
पढ गुणकै सवाल करण की करणी चाहिए तनै जुर्रत
कुदाल कस्सी तै काम चलै ना ठा पुस्तक बण छात्र
खुदके फैदे तक सब कुछ मेहनत का ना मोल मिलै
नारी शूद्र सेवक कर दिए घटया इनका तनै मोल मिलै
पंड्या खात्तर ऐश अमीरत तुलया तुलाया तोल मिलै
राजा का हो बेटा राजा इतिहास मैं झोल मिलै
एक कहै धर्म कर्म तै जन्नत में मिलज्यां बाहत्तर
इसे जन्म मै सब कुछ सै तु हक की खातिर लड़ज्या
छोड़ बेहूदी लदी लदाई तु बस हक अपणे पै अड़ज्या
जो पढ़ाई गई सदा तेरे तै अपणे ढंग तै वाहे पढज्या
जो थोंपी गई सदा तेरे पै उनके सिर तु भी मढज्या
विक्रम राही कहै बागी हो फरेब नै कर कात्तर -कात्तर