हाईड्रो प्रोजेक्ट्स नहीं रुके तो होगा आने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार – भगत सिंह किन्नर
Post Views: 34 शिमला के होटल पीटर हॉफ में मंगलवार को वर्ल्ड बैंक द्वारा हिमाचल प्रदेश सरकार को 200 मिलियन डॉलर का बड़ा कर्ज देने से पहले जन सुनवाई का
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Post Views: 27 महात्मा जोतिबा फुले के भाषणों पर जब मैं यह प्रतिक्रिया लिख रहा हूँ तो दूसरी ओर नूपुर शर्मा नाम की एक भाजपा प्रवक्ता द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर
Continue readingमहात्मा जोतिबा फुले के भाषणों की आधुनिकता – डॉ. अमरनाथ
Post Views: 15 आशिक, माशूक, हुस्न, इश्क, साकी और शराब जैसे विषयों तक महदूद रहने वाली गज़ल आज सामाजिक विसंगतियों और विद्रूपताओं को प्रकट करके वंचित और शोषित वर्ग के
Continue readingआम जन के संघर्षों के साथ खड़ी ‘उजाले हर तरफ होंगे’ की गज़लें – अरुण कुमार कैहरबा
Last Letter to Comrades before Martyrdom. … Continue readingसाथियों को अन्तिम पत्र – भगत सिंह
यूरोप और अमरीका ने जिसकी प्रतिभा का लोहा मान लिया, जो देश के इतने अभिमान की संपत्ति है, वही कवि मक्रील में कुछ दिन स्वास्थ्य सुधारने के लिए आ रहा है। … Continue readingमक्रील – यशपाल
नेता का पद आराम की जगह है, इससे बढ़कर दूसरा भ्रम भी नहीं हो सकता। अंग्रेजी में एक कहावत है कि किरीट पहननेवाला मस्तक बराबर चक्कर में रहता है। तब जो आदमी मेहनत और धीरज से भागता है, उससे यह कैसे उम्मीद की जाए की वह आठ पहर के इस चक्कर को बर्दाश्त करेगा और जिनमें धीरज नहीं, सबसे अधिक वे ही इस चक्कर को अपने माथे पर लेने को क्यों बेकरार हैं? दुनिया के सामने संगठनों से निकली हुई तैयार चीजें ही आती हैं, नेताओं के हस्ताक्षरों से भूषित कागज के पुर्जे नहीं। और कागज के इन निर्जीव पुों को लेकर दुनिया करेगी भी क्या? … Continue readingनेता नहीं, नागरिक चाहिए – रामधारी सिंह दिनकर
किस प्रकार पुराने इतिहास से वह वर्तमान समस्या के सही स्वरूप का उद्घाटन करते हैं और उसका विकासक्रम समझा देते है, वह चकित कर देता है। हर प्रश्न के तह में जाने की उनकी पद्धति आधुनिक युग में भी उपयोगी है। … Continue readingभीष्म को क्षमा नहीं किया गया – हजारी प्रसाद द्विवेदी
मैं ‘विवाह’ या ‘शादी’ जैसे शब्दों से सहमत नहीं हूँ। मैं इसे केवल जीवन में साहचर्य के लिए एक अनुबन्ध मानता हूँ । इस तरह के अनुबन्ध में मात्र एक वचन; और यदि आवश्यकता हो, तो अनुबन्ध के पंजीकरण के एक प्रमाण की जरूरत है। अन्य रस्मों-रिवाजों की कहाँ आवश्यकता है? इस लिहाज से मानसिक श्रम, समय, पैसे, उत्साह और ऊर्जा की बर्बादी क्यों? … Continue readingपति-पत्नी नहीं, बनें एक-दूसरे के साथी – पेरियार
05 मई 2022 को हिन्दी विभाग कु.वि.कु. और देस हरियाणा पत्रिका के सहयोग से भारतीय नवजागरण व हिन्दी साहित्य विषय पर व्याख्यान का आयोजन। … Continue readingस्वतंत्रता आंदोलन और हिन्दी साहित्य
Post Views: 32 24 अप्रैल 2022 को हिन्दी विभाग के संगोष्ठी कक्ष में देस हरियाणा पत्रिका की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता श्री जयपाल जी ने और संचालन श्री विकास साल्याण