मेरे पीछे सूनी राहें और मेरे आगे चौराहा – बलबीर सिंह राठी
Post Views: 212 ग़ज़ल मेरे पीछे सूनी राहें और मेरे आगे चौराहा, मैं ही मंजि़ल का दीवाना मुझ को ही रोके चौराहा। हर कोई अपनी मंजि़ल के ख़्वाब सजा कर
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