Post Views: 197 एक बै एक जणा छोरी का रिश्ता खात्तर छोरा टोहंदा फिरै था। रिश्तेदारी में एक नै छोरा बता दिया। जिस छोरे खात्तर वोगया था, वे देही का…
हम पढऩे-लिखने वालों की तो बात ही कुछ ओर है
Post Views: 232 तीन चूहे बड़े जिगरी यार थे। घणे दिनां में फेट्टे तो उनमें एक जुणसा मरियल था-न्यूं बोल्या अक् रै कड़ै रह्या करो-वे दोनों मोटे ताजे थे। उनमैै…
बख्त की इसी-तिसी होर्यी सै
Post Views: 148 एक बै की बात सै एक ताऊ रेल में सफर करै था। छोरा तो उसके था नहीं, वो खुदे बेटी के पीलिया जावै था अर एक गठड़ी…
आज सार्यां नै सस्पैंड करकै जान्दा
Post Views: 155 एक बै की बात सै-एक स्कूल के बारणै आग्गै कार रूकी और उसमें तै एक पढ्या-लिखा सा आदमी उतर कै उसे कमरे में जा बड्या जित बालक…
महादे-पारवती
Post Views: 269 लोक कथा एक बर की बात सै। पारबती महादे तैं बोल्ली – महाराज, धरती पै लोग्गाँ का क्यूकर गुजारा हो रह्या सै? मनै दिखा कै ल्याओ। महादे…
दुनिया जीण कोनी दींदी
Post Views: 582 हरियाणवी लोक कथा एक बर एक जवान आपणी घरआळी नैं लेण गया। सवारी खातर उसनैं घोड़ी ले ली। वापसी म्हं दोनों घोड़ी पै सवार होकै चाल पड़े।…
कौआ और चिड़िया
Post Views: 1,094 लोक कथा एक चिड़िया थी अर एक था कौआ। वै दोनों प्यार प्रेम तै रह्या करै थे। एक दिन कौआ चिड़िया तै कहण लाग्या अक् चिड़िया…
झोटा अर शेर
Post Views: 966 लोक कथा एक आदमी कैदो मैंस थी। उसका छोरा उननै चराण जाया करदा। दोनू मैंस ब्यागी। एक नै दिया काटड़ा अर दूसरी नै दी काटड़ी। वो काटड़ा…
गादड़ का चौंतरा – लोक कथा
Post Views: 391 हरियाणवी लोक कथा एक गादड़ था, वो अपणा चौंतरा बणा कै, लीप-पोत कै, साफ-सुथरा राख्या करता। वो अपणा रोब भोत राख्या करता। वो न्यू जाणता के सारा…
लोक कथा – बाम्हण अर बाणिया
Post Views: 1,644 लोक कथा बाम्हण अर बाणिया एक बणिया घणा ऐ मूंजी था वा रोज गुवांडा मैं जाकै रोटी खाये करै था अर उसकै घरां किसी बात की कमी…