Post Views: 450 कहानी (तारा पांचाल 28 मई,1950 – 20 जून, 2009। ‘सारिका’, ‘हंस’, ‘कथन’, ‘वर्तमान साहित्य’, ‘पल-प्रतिपल’, ‘बया’, ‘गंगा’, ‘अथ’, ‘सशर्त’, ‘जतन’, ‘अध्यापक समाज’, ‘हरकारा’ जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में…
मां की ना कहिए, न्या की कहिए – तारा पांचाल
Post Views: 179 समाज अपने समय की सच्चाई को अपने रचनाकारों की आंख से देखता है। यह जानना हमेशा ही रोचक होता है कि रचनाकार अपने समय को कैसे…
सरबजीत की याद में -तारा पांचाल
Post Views: 148 कविता बहुत उजालों में लिए तुम अपने आसपास नन्हें-नन्हें जुगनुओं जैसे सूरजों के बीच इसलिए दूरी बनी रही तुम्हारे, और तुम्हारी कविताओं के अंधेरे के बीच। पर…
फूली – तारा पांचाल
Post Views: 746 उचटी नींद के ऊल-जलूल सपने और उन सपनों के शुभ-अशुभ विचार। दुली के परिवार में कुछ दिनों से ऐसे ही सपने देखे जा रहे थे। कभी-कभी ये…
संकट मोचन – तारा पांचाल
Post Views: 822 कहानी संकट-मोचन क्योंकि वे बंदर थे अतः स्वाभाविक रूप से उनकी उछल-कूद, उनके उत्पात सब बंदरों वाले थे। गांव वाले उनसे तंग आ चुके थे। गांव…