गांधी क्या बला है! – चौधरी छोटू राम
Post Views: 869 अनुवाद-हरि सिंह बटलर ने अन्य विषयों के अलावा भारतीय राजनीति पर छाई गांधी नामक परिघटना को भी अपने इस किसान-मित्र के माध्यम से जानना चाहा। जवाब में
Post Views: 869 अनुवाद-हरि सिंह बटलर ने अन्य विषयों के अलावा भारतीय राजनीति पर छाई गांधी नामक परिघटना को भी अपने इस किसान-मित्र के माध्यम से जानना चाहा। जवाब में
Post Views: 499 चौधरी छोटू राम, अनुवाद-हरि सिंह बटलर ने छोटू राम को लंदन से लिखा-‘भारत में अंग्रेजी राज आज भी खूब धमाके से चल रहा है। ऐसा क्यों और
Continue readingभारत में अंग्रेजी राज के दो पहलू -चौधरी छोटू राम
Post Views: 441 चौधरी छोटू राम, अनुवाद-हरि सिंह हार्टकोर्ट बटलर का मानना था कि तमाम सरकारें नागरिक आजादी पर हावी होती हैं। 1923-24 में, बकौल छोटू राम, ब्रिटिश सरकार का
Post Views: 403 चौधरी छोटू राम, अनुवाद-हरि सिंह बटलर द्वारा पर्दा-प्रथा, शिक्षा एवं सामाजिक जीवन में महिलाओं से भेदभाव पर टिप्पणियों के जवाब में चौधरी छोटू राम ने एक ओर
Post Views: 350 चौधरी छोटू राम, अनुवाद-हरि सिंह चौधरी छोटू राम खुद वकील होने के नाते ब्रिटिश न्याय प्रणाली को भली-भांति समझते थे। बटलर ने मित्रता के नाते इस विषय
Continue readingअंग्रेजी राज की न्याय-व्यवस्था: एक सटीक टिप्पणी -चौधरी छोटू राम
Post Views: 313 अनुवाद-हरि सिंह हार्टकोर्ट बटलर 1914-18 में रोहतक के उपायुक्त रहे। उस दौरान चौधरी छोटूराम एक प्रमुख वकील, जाट गजट उर्दू साप्ताहिक के सम्पादक एवं जिला कांग्रेस कमेटी
Post Views: 460 अनुवाद-हरि सिंह संसार परिवर्तनशील है। परिवर्तन प्रकृति का नियम है और इस समय तो दुनिया में परिवर्तन का तूफान बड़ी तेजी से आया हुआ है। भारत भी
Post Views: 450 चौधरी छोटू राम, अनुवाद-हरि सिंह जब युद्ध के नगारे पर चोट पड़ती है और किसान का सिपाही बेटा सजकर शत्रु के मुकाबले के लिए प्रस्थान करता है
Continue readingखूए शेर या खूए मेष (सिंह-वृत्ति या भेड़-वृत्ति) – चौधरी छोटू राम
Post Views: 560 चौधरी छोटू राम, अनुवाद-हरि सिंह ऐ जमींदार! तेरी खातिर मैंने सारी दुनिया से जंग मोल ले रखी है। तेरे लिए ही जमाने भर को नाराज कर लिया
Continue readingखूए हरकत या खूए सकून (रजोगुण या तमोगुण) – चौधरी छोटू राम
Post Views: 494 चौधरी छोटू राम, अनुवाद-हरि सिंह पाठक, शायद शिकायत करेंगे कि मैं एक ही विषय की ओर बार-बार और रोज-रोज झुकता हूं। जमींदार की मुसीबत, जमींदार की टूटी-फूटी
Continue readingकिसान को नई मनोवृत्ति की आवश्यकता – चौधरी छोटू राम