Post Views: 50 ख़ला से भी कभी उभरा है ज़िन्दग़ी का वजूद तेरी निगाह कहाँ टकराई है दीवाने! तेरे दिमाग़, तेरे ज़हन पर मसलत है हसीन उम्रगेज़ सत्ता के चन्द…
ख़ला से भी कभी उभरा है ज़िन्दग़ी का वजूद – आबिद आलमी
Post Views: 36 ख़ला से भी कभी उभरा है ज़िन्दग़ी का वजूद तेरी निगाह कहाँ टकराई है दीवाने! तेरे दिमाग़, तेरे ज़हन पर मसलत है हसीन उम्रगेज़ सत्ता के चन्द…
जो ख़लाओं में देखता कुछ है– आबिद आलमी
Post Views: 56 जो ख़लाओं में देखता कुछ है। उसको आईने से गिला कुछ है॥ भागे जाते हैं लोग जंगल को, शहर में आज फिर हुआ कुछ है। यूँ बग़ल…
जो ख़लाओं में देखता कुछ है – आबिद आलमी
Post Views: 64 जो ख़लाओं में देखता कुछ है। उसको आईने से गिला कुछ है॥ भागे जाते हैं लोग जंगल को, शहर में आज फिर हुआ कुछ है। यूँ बग़ल…
उसकी ये शर्त की हर लफ़्ज़-लफ़्ज़ उसका हो- आबिद आलमी
Post Views: 56 उसकी ये शर्त की हर लफ़्ज़-लफ़्ज़ उसका हो। मेरी ये ज़िद्द के जो मानी हो मेरा अपना हो॥ ओंठ सिल जाएँ तो आँखों से बयां हो जाए,…
उसकी ये शर्त की हर लफ़्ज़-लफ़्ज़ उसका हो – आबिद आलमी
Post Views: 33 उसकी ये शर्त की हर लफ़्ज़-लफ़्ज़ उसका हो। मेरी ये ज़िद्द के जो मानी हो मेरा अपना हो॥ ओंठ सिल जाएँ तो आँखों से बयां हो जाए,…
मुझको जब ग़ौर से तकते हैं ज़माने वाले- आबिद आलमी
Post Views: 40 ग़ज़ल मुझको जब ग़ौर से तकते हैं ज़माने वाले। हों न हों लगते हैं तस्वीर बनाने वाले॥ वक़्त रख देगा तेरी पीठ पे शब का पहाड़। बोझ…
मुझको जब ग़ौर से तकते हैं ज़माने वाले – आबिद आलमी
Post Views: 37 ग़ज़ल मुझको जब ग़ौर से तकते हैं ज़माने वाले। हों न हों लगते हैं तस्वीर बनाने वाले॥ वक़्त रख देगा तेरी पीठ पे शब का पहाड़। बोझ…
यूं तो हमारी राह में दरया कहीं न था – आबिद आलमी
Post Views: 41 ग़ज़ल यूं तो हमारी राह में दरया कहीं न था। इक इक क़दम पे हमको मगर डूबना पड़ा॥ पहले तो देर तक वो मुझे घूरता रहा, फिर…
यूं तो हमारी राह में दरया कहीं न था- आबिद आलमी
Post Views: 42 ग़ज़ल यूं तो हमारी राह में दरया कहीं न था। इक इक क़दम पे हमको मगर डूबना पड़ा॥ पहले तो देर तक वो मुझे घूरता रहा, फिर…